Thursday, November 21, 2024
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शुक्र ग्रह में तेजाब की बारिश करने वाले बादलों का पता चला Venus cloud discontinuity

Dehradun: शुक्र Venus ग्रह के वातावरण में एक नए बदलाव की जानकारी आई है। वैज्ञानिकों ने इसे Venus cloud discontinuity यानी शुक्र बादल विच्छेदन नाम दिया है। यह अम्लीय बादलों का बड़ा जखीरा है, जो ऊंची दीवार के रूप में शुक्र के वातावरण से गुजर रही है। इटली के एमेच्योर वैज्ञानिक लुइगी मोरोन ने इसका पता लगाया है। Venus research

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वीनस क्लाउड डिसकंटीनि‌टी अपेक्षाकृत पर नई तरह की अलग खोज है। जिसके संकेत 2016 में जापान के वीनस ऑर्बिटर अकात्सुकी से मिल गए थे। बादलों का यह विशाल जखीरा शुक्र के भूमध्य रेखा को लंबवत रूप से काटती हुई जा रही है, जो लगभग 5000 मील तक फैली हुई है। यह लगभग 200 मील प्रति घंटे की गति से शुक्र की परिक्रमा कर रही है। sulfuric acid clouds

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पहली बार देखे गए अनोखे बादल

यह वायुमंडलीय व्यवधान शुक्र मौसम के संदर्भ में नई घटना है। किसी अन्य ग्रह पर इस तरह की घटना अभी तक नहीं देखी गई है। बहरहाल शुक्र के इस विचित्र बदलाव के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। ज्ञातव्य हो शुक्र का वातावरण वायुमंडल बेहद घना है। माना जाता है कि वह पृथ्वी के वायुमंडल से लगभग 90 गुना अधिक विशाल है। Akatsuki spacecraft

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कार्बन-डाईऑक्साइड गैस 96 फीसदी तक

माना जाता है कि कभी पृथ्वी के समान शुक्र की जलवायु हुआ करती थी। सागर व नदिया वहां करती थी। मगर ऐसा क्या हुआ, हो जो सब गायब हो गया और एसिड की बारिश इसके ऊपरी वातावरण में होने लगी। इनके वातावरण कार्बन में कार्बनडाइऑक्साइड गैस 96 फीसद है। नाइट्रोजन की मात्र सिर्फ 3 प्रतिशत है। सल्फ्यूरिक एसिड बादलों की एक मोटी परत इसके वातावरण में तैरती है। शुक्र का रंग पीला नजर आता है। Luigi Morrone

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प्राचीन काल में ही हो गई थी शुक्र ग्रह की पहचान

शुक्र ग्रह चन्द्रमा के बाद आकाश में हमारा सबसे निकटतम पड़ोसी है। आसमान में सबसे ज्यादा चमकने वाला ग्रह भी। रोमन लोग इसे वीनस्, यूनानी कुपोस जिसका लैटिन रूप सिग्रिस जिसका अर्थ है शुक्र कहते थे। वहीं ऋग्वेद में वैन शब्द को आकाश की चमकीली ज्योति कहा गया है। चार हजार वर्ष पूर्व जब यूनानियों और भारतीय आर्यों के पूर्वज एक स्थान पर रहते थे, तब वे शुक्र को पहचानकर इसका नामकरण कर चुके थे। Venus cloud discontinuity

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