देहरादून: Poverty increased Uttarakhand। उतराखंड में एक साल के भीतर करीब 22 हजार लोग गरीब हो गए। इन लोगों को अपना पेट भरने के लिए सरकारी राशन की जरूरत है। उत्तराखंड सरकार के आंकड़े ही यह बात बता रहे हैं। एक साल में उत्तराखंड में 13 हजार 937 प्राथमिक और 8 हजार 646 अंत्योदय कार्ड धारक बढ़ गए हैं। अंत्योदय राशन कार्ड वाले परिवार को हर महीने 35 किलो राशन मिलेगा। प्राथमिक राशन कार्ड वालों को पांच किलो राशन दिया जाता है। Antyodaya Ration Card
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गढ़वाल में गरीबी ज्यादा बढ़ी
अंत्योदय राशन कार्ड ऐसे परिवार बनाते हैं जो साल में मात्र 15 हजार रूपए तक कमाते हैं। यानी गरीबी रेखा के नीचे। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पौड़ी और टिहरी में सबसे ज्यादा गरीब बढ़े हैं। पौड़ी में 3542, टिहरी में 1251 और चमोली में 1055 परिवार अंत्योदय की श्रेणी में बढ़े हैं। कुमाऊं के पिथौरागढ़ में 201, बागेश्वर में 515, अल्मोड़ा में 577 ही अंत्योदय परिवार बढ़े हैं। ऊधमसिंह नगर जिले में एक भी नया आदमी गरीब नहीं हुआ। इस जिले में अंत्योदय का एक भी परिवार नहीं बढ़ा है। Poverty increased in Garhwal
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पेट भरने के लिए सरकारी राशन की जरूरत
साल 2022 में उत्तराखंड में प्राथमिक (सफेद) राशन कार्ड वालों की संख्या 948134 थी। एक साल में ही यह बढ़कर 2023 के अंत तक 962071 पहुंच गई है। इसी तरह अंत्योदय राशन कार्ड रखने वाले 1,74,980 से बढ़कर 1,83,626 हो गए। एक साल में सरकारी राशन लेने वालों में 22 हजार 583 की वृद्धि हो गई है। जिन्हें अपना पेट भरने के लिए सरकारी राशन की जरूतर है।
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अधिकारियों का अलग राय
अपर आयुक्त खाद्य आपूर्ति पीएस पांगती के अनुसार, पूर्व में अपात्र लोगों को अभियान चलाकर योजना से बाहर किया गया। जिसके बाद खाली हुई जगह भरने के लिए पास लोगों को शामिल किया गया है। आयुष्मान कार्ड Ayushman card eligibility बनवाने के लिए भी लोगों को राशनकार्ड की जरूरत होती है। इसलिए आंकड़े बढ़े हुए नजर आ रहे हैं। Poverty increased Uttarakhand