देहरादून: Uttarakhand disaster बुधवार की रात केदारघाटी एक बार फिर से सहम गई। घाटी में जो भी व्यापारी, श्रद्धालु और स्थानीय निवासी मौजूद था, उन्हें 2013 की उस रात की याद हो आई, जिस आपदा ने हजारों लोगों को अपनो से लापता कर दिया था। शाम को जो बारिश शुरू हुई, रात आठ बजे तक इतनी तेज हो गई कि कई जगह पहाड दरकने लगे। एक और बारिश की तेज आवाज तो दूसरी ओर पहाड़ों से होता भूस्खलन की दरकती आवाज ने पूरी घाटी मे दहशत फैल गई। kedatnath yatra
जिस गुफा में रखा गया भगवान गणेश का कटा सिर, वहां श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगी
उत्तराखंड में बुधवार रात हुई बारिश से भारी तबाही हुई। 11 लोगों की मौत हुई है और 6 लापता हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग लिंचोली और टिहरी में बादल फटने के कारण टूट गया। मंदाकनी नदी के उफान से केदारनाथ हाईवे का 200 मीटर हिस्सा बह गया है। 600 से अधिक यात्री फंसे हैं और केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है। Uttarakhand disaster
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जंगलचट्टी और भीमबली के बीच लिंचोली में बादल फटने से मंदाकिनी का जलस्तर बढ़ गया है। सुरक्षा के कारण जिला प्रशासन ने गौरीकुंड और सोनप्रयाग को खाली करवाया। गौरीकुंड का तप्तकुंड और पैदल मार्ग का 30 मीटर हिस्सा बह गया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पुलिस ने करीब 200 फंसे श्रद्धालुओं को जंगल के रास्ते गौरीकुंड पहुँचाया। सोनप्रयाग से 1 किमी आगे हाईवे का 200 मीटर हिस्सा टूट गया जिससे केदारनाथ यात्रा रोक दी गई। यात्रियों को निकालने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रियों से मिलकर सुरक्षित वापसी का आश्वासन दिया। SDRF breaking news
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11 लोगों की मौत 6 लापता चल रहे
बुधवार रात टिहरी जिले के जखनियाली में बादल फटने से एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ, जिसमें 50 वर्षीय भानु प्रसाद और उनकी पत्नी अनीता की मौत हो गई। उनका 28 वर्षीय पुत्र विपिन अस्पताल में है। हरिद्वार में चार बच्चों सहित दो की मौत हुई, और देहरादून में दो लोग बरसाती नाले में बह गए। चमोली में मकान गिरा, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और एक बच्चा लापता है। नैनीताल में 54 वर्षीय बुजुर्ग की मौत पहाड़ी से गिरने से हुई। कालीमठ के पास भी एक शव मिला। kedarnath disaster
शुक्र ग्रह में तेजाब की बारिश करने वाले बादलों का पता चला
एसडीआरएफ की टीमों द्वारा राज्य में भारी बारिश के कारण बादल फटने, सड़क मार्ग बाधित होने पर रेस्क्यू किया जा रहा है। केदारनाथ एवं घनसाली क्षेत्र में 1,200 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाकी यात्रियों को भी निकाला जा रहा है। यात्रा रूट की सभी एसडीआरएफ पोस्टों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
मणिकांत मिश्रा, कमांडेंट एसडीआरएफ