दिल्ली: Rishikesh-Karnaprayag rail line भारतीय रेलवे का दावा है कि उत्तराखंड में निर्माणाधीन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच रेल सेवाएं 2025 से शुरू हो जाएंगी। इस रेल लाइन का 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। यात्रा सीजन के दौरान ट्रेन चार फेरे लगाएगी जबकि सामान्य दिनों में दो फेरे ही लगाए जाएंगे। सड़क मार्ग के मुकाबले ट्रेन से सफर करीब दो घंटे में ही पूरा हो जाएगा। Uttarakhand railways service
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दो घंटे में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को 99 साल के लिए डिजाइन किया गया है। सार्वजनिक उपक्रम की रिपोर्ट के अनुसार, 125 किलोमीटर की दूरी ट्रेन से डेढ़ से दो घंटे में पूरा होगी। अभी ऋषिकेश से कर्णप्रयाग पहुंचने में करीब साढ़े चार घंटे से अधिक का समय लगता है। Rishikesh-Karnaprayag rail line
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50 फीसदी माल ढुलाई रेल से होगी
कर्णप्रयाग रेल लाइन का इस्तेमाल माल ढुलाई में अधिक होगा। अनुमान है कि सड़क परिवहन के 60 फीसदी यात्री व 60 फीसदी से अधिक माल की ढुलाई रेलवे से होगी। जिससे गढ़वाल की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। रेल लाइन की मरम्मत व रखरखाव के लिए 450 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा।
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105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन (125 किलोमीटर) का 70 प्रतिशत से अधिक सुरंग निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। इसमें 18 मुख्य रेलवे पुल भी बनाए गए हैं। 125 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन का 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा।Rishikesh-Karnaprayag rail line