Thursday, November 21, 2024
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क्या राम मंदिर भाजपा को तीसरी बार देश की सत्ता तक पहुंचाएगा?

दिल्ली: Ram Mandir BJP अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। भाजपा ने अपने वोटरों से किया सबसे बड़ा चुनावी वायदा पूरा कर दिखाया है। लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान भी होने जा रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि, क्या राम मंदिर नरेंद्र मोदी व भाजपा को लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता दिला पाएगा, इस सवाल का जवाब ढूंडने के लिए देश में विपक्ष की राजनीति को समझाने की भी जरूरत होगी।

राम मंदिर निर्माण के बाद भाजपा की राजनीति

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का जश्न पूरे देश में मनाया जा रहा है। भाजपा, संघ व इनसे जुड़े संगठनों ने मिलकर देशभर में धार्मिक माहौल तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसका नेतृत्व कर रहे हैं। पर यह उल्लास केवल धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक भी है। भाजपा इसके जरिए अपने वोटरों तक संदेश पहुंचा रही है कि उसने अपना वायदा पूरा कर दिखाया। पीएम मोदी खुद लगातार मंदिरों में जा रहे हैं, और हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने का संदेश दे रहे हैं। इतिहास भी बताता है कि राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा को हमेशा चुनाव में सीटों के लिहाज से फायदा ही हुआ है। इसलिए भाजपा हर कीमत पर मंदिर निर्माण को लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का मुख्य हथियार बनाएगी। विशेषकर उत्तर भारत में राम मंदिर व हिंदुत्व का मुद्दा लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से हावी रहेगा। विकसित भारत यात्रा के जरिए भाजपा गरीब आदमी के लिए चलाई जा रही योजनाओं का प्रचार कर रही है। वह लाभार्थियों तक पहुंचकर विकास का मुद्दा भी आगे बढ़ा रही है। Ram Mandir BJP

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बेरोजगारी, महंगाई से बड़ा मुद्दा है राम मंदिर?

देश में महंगाई की लहर है। सरकार के ही आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। देश भर में आम आदमी अपने जीवन की बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। निम्न व निम्न मध्यम वर्ग पर महंगाई का सबसे अधिक असर है। बढ़ती बेरोजगारी ने समस्या अधिक बढ़ा दी है। ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ की रिपोर्ट के मुताबिक बेरोज़गारी दर 8 फीसदी से ज्यादा है। जो कि देश में बीते कुछ दशकों में सबसे अधिक है। पर भाजपा के समर्थन में नैरेटिव गढ़ता मीडिया इन समस्याओं पर बात करने से परहेज कर रहा है। मंदिर को एकमात्र उपलब्धि बताकर पेश किया जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे बहुत बड़े हैं। पर शायद असल वोटिंग में इसका असर ना दिखे। क्योंकि आने वाले दिनों में हिंदुत्व मुद्दे को फिर से उठाया जाएगा। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के मुद्दे उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान के विधानसभा चुनाव में उठे। पर फिर भी लोगों ने भाजपा के पक्ष में ही वोट किया। Ram Mandir BJP

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क्या रहेगी विपक्ष की रणनीति

भाजपा को चुनौती देने के लिए विपक्ष इंडिया गठबंधन के तले एकजुट हो रहा है। विपक्ष की रणनीति है कि भाजपा के राम मंदिर के मुद्दे पर वह मंदिर के साथ नजर आएं। इसलिए विपक्ष के नेताओं ने राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया। पर भाजपा की इस पर हो रही राजनीति को अपने टारगेट पर भी रखा। बात कांग्रेस की करें तो राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर पर एकमात्र ऐसे नेता नजर आ रहे हैं जो भाजपा, आरएसएस पर खुलकर हमले कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण में वह असम में विरोध कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच गए। उन्हें मंदिर जाने से रोका गया, जिसके बाद उन्होंने फिर सीधे तौर पर भाजपा और संघ को निशाने पर लिया। पर राहुल गांधी लोकतंत्र, संवैधानिकता और धर्मनिरपेक्षता पर बात कर रहे हैं। पर भाजपा के हिंदू वोट बैंक में कटौती करने में वह कितने सफल होंगे यह भविष्य ही बताएगा।

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राज्यों में विपक्ष के नेता नए समीकरण बनाने में जुटे

बंगाल में ममता बनर्जी भी सर्वधर्म यात्रा निकाल रही हैं। जिसे लेकर बंगाल में राजनीतिक माहौल गर्म है। उत्तरप्रदेश में सपा, रालोद और बसपा मैदान में तो है। पर भाजपा के खिलाफ घेराबंदी कमजोर है। बिहार में प्रशांत किशोर जनसुराज यात्रा निकाल रहे हैं। उनका मुद़दा बिहार की बदहाली है, और निशाने पर भाजपा के साथ जदयू, आरजेडी भी हैं। हालांकि बिहार में जाति जनगणना एक बड़ा मुद्दा बन रहा है। इसलिए बिहार में भाजपा के लिए चुनौती बड़ी है। पंजाब व दिल्ली में भाजपा को आम आदमी पार्टी की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यहां अरविंद केजरीवाल मुखर होकर भाजपा पर हमलावर हैं। उनके पास विकास का दिल्ली मॉडल है, जो उन्हें राज्यों में तो चुनाव जिता रहा है। पर लोकसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर ही रहा है। दक्षिण के राज्यों में भाजपा अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। पर तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और उड़ीसा में स्थानीय दलों की मजबूत उपस्थिति भाजपा के लिए चुनौती है। यहां हिंदुत्व का मुद्दा अधिक वोट नहीं दिला पाता। Will Ram Mandir bring BJP to power in the country for the third time?

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