दिल्ली: Politician salary पुरानी पेंशन old pension के लिए सरकारी कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। पर सरकार सुनने को तैयार नहीं। हमारे सांसद, विधायकों को पूरी जिंदगी सहित दूसरी सुविधाएं मिलती है। जिस पर सालाना करीब 500 करोड़ खर्च हो रहे हैं। आइए बताते हैं सांसद विधायकों की तनख्वाह और पेंशन का गणित।Politician salary #pensionsatyagrah
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सांसद की 25 हजार पेंशन, सुविधाएं अलग
अगर कोई एक दिन के लिए भी सांसद बन जाए तो पूरी जिंदगी 25 हजार प्रतिमाह पेंशन मिलती रहेगी। समय के साथ भत्ता बढ़ते ही पेंशन भी बढ़ जाती है। सांसद विधायक दोनों बना तो दोहरी पेंशन का लाभ। कोई भी पूर्व सांसद अपने किसी एक साथी के साथ ट्रेन में सेकंड एसी में फ्री यात्रा कर सकते हैं। अकेले हैं तो फर्स्ट एसी में यात्रा। कोई पूर्व सासंद की पेंशन ले रहा है और फिर से मंत्री बन जाता है, तो उसे मंत्री पद के वेतन के साथ ही पेंशन अलग से जुड़ जाती है। www.thethpahadi.in जो व्यक्ति जितने बार सांसद बनता है उसी अनुसार पेंशन की रकम भी बढ़ जाती है। राज्यसभा सांसद को 27 हजार प्रतिमाह की पेंशन मिलती है। सांसद विधायक की मौत पर पत्नी भी पेंशन की अधिकारी होती है। लोकसभा और राज्यसभा के 4,796 पूर्व सांसद पेंशन ले रहे हैं।Old Pension Protest
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विधायकों का हर राज्य में अलग हिसाब
भारत के हर राज्य में विधायकों की पेंशन का अलग हिसाब है। उत्तराखंड में विधायक बनते ही 40 हजार की पेंशन लग जाती है। पंजाब के विधायकों को प्रतिमाह 75 हजार रुपए पेंशन मिलती है। पर कुछ प्रदेशों में पेंशन के लिए कार्यकाल की सीमा तय की गई है। ओडिशा में एक साल, सिक्किम और त्रिपुरा में 5 साल और असम 4 साल विधायकी के बाद पेंशन मिलती है। महाराष्ट्र में विधायकों की पेंशन पर सालाना 72 करोड़ खर्च होते हैं। केरल में तो मंत्री के तैनात स्टाफ को भी पेंशन मिलती है। केरल का कोई मंत्री अपने कार्यालय में दो साल के लिए स्टाफ की नियुक्ति कर दे तो सेवा समाप्ती पर स्टाफ आजीवन पेंशन का हकदार हो जाता है।
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बुजुर्गों को मात्र दो हजार पेंशन
देश के ज्यादातर राज्यों में वृद्धावस्था पेंशन सिर्फ दो हजार रुपए है। भविष्य निधि योजना के तहत पत्रकारों को मिलने वाली पेंशन की न्यूनतम राशि सिर्फ 900 रूपए है। नई पेंशन स्कीम में तो लाख रूपए तनख्वाह लेने वाले को 1500 से 2 हजार रूपए तक पेंशन मिल रही है। जनप्रतिनिधियों की पेंशन पर रोक लगाने को लेकर याचिकाएं मध्य प्रदेश और इलाहबाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में दायर की जा चुकी हैं, लेकिन सभी को खारिज कर दिया गया।