देहरादून: kedarnath new track केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए नया पैदल रास्ता खोज लिया गया है। यह पैदल रास्ता चौमासी गांव से शुरू होकर सीधे केदारनाथ मंदिर तक जाता है। जो कि गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग के मुकाबले करीब दो किलोमीटर छोटा है। चौमासी ट्रैक की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर भूस्खलन का खतरा नहीं है, क्योंकि यहां पर पहाड़ी नाले नहीं हैं। एक बड़ा हिस्सा बुग्याल से होकर गुजरता है इसलिए आरामदेह भी सफर होता है। जिला प्रशासन की टीम इस ट्रैक का सर्वे कर लौट चुकी है।
जिस गुफा में रखा गया भगवान गणेश का कटा सिर, वहां श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगी
उत्तराखंड में 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिंचोली के पास बादल फट गया था। जिस कारण पैदल मार्ग कई जगहो ंपर टूट गया था। करीब 12 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ, लिंचोली, भीमबली सहित अलग अलग स्थानों पर फंस गए थे। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवाएं भी बंद हो गई थी। ऐसे में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व बाद में वायु सेना ने मिलकर एक हफ्ते तक चले अभियान के बाद 12 हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया था। अब तक केदारनाथ यात्रा मार्ग ठीक नहीं हो सका है और पैदल यात्रा पूरी तरह से बंद चल रही है। इस घटना से सबक लेते हुए प्रशासन ने अब केदारनाथ तक पहुंचने का नया पैदल रास्ता खोजने का काम शुरू कर दिया है। अलग अलग विभागों की एक संयुक्त रेकी टीम को गठन किया गया है। टीम ने चौमासी से केदारनाथ तक पहुंचने का एक ट्रैक की पहचान की है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार के अनुसार टीम पिछले शनिवार को टीम रेकी कर लौटी है। चौमासी से केदारनाथ के बीच का ट्रैक करीब 19 किलोमीटर का है। टीम ने अपनी आधिकारिक रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
2013 की आपदा में चौमासी से ही गए थे केदारनाथ
क्षेत्र पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा के अनुसार केदारनाथ में जब 2013 में आपदा आई थी तो बचाव टीम चौमासी ट्रैक से ही केदारनाथ पहुंची थी। यहां पर छह फुट का ट्रैक पहले से ही मौजूद है। जिसे थोड़ा और विकसित किया जाए तो यह केदारनाथ यात्रा का वैकल्पिक मार्ग भी बन सकता है। पर्यटक यहां से ट्रैकिंग को जाते ही हैं। इस ट्रैक पर ना तो गधेरे हैं और ना ही भूस्खलन का खतरा है। यहां डायरेक्ट केदारनाथ जाएं तो यह 16 से 18 किमी पड़ता है। यदि आधे रास्ते से कट जाएं तो करीब 9 किमी आगे लिंचोली पर भी मिलता है। चौमासी गांव से यात्रा शुरू हो जाए तो इस इलाके का भी विकास होगा। kedarnath new track
विशेषज्ञ बोले चौमासी ट्रैक बहुत सुंदर और सुरक्षित
पर्वतारोही व माउंटेन टैक्स के संचालक राहुल मेहता के अनुसार चौमासी से केदारनाथ का ट्रैक ना सिर्फ काफ सुरक्षित है बल्कि बेहद सुंदर भी है। चौमासी से आगे करीब पांच किमी रास्ता काली गाड़ नदी के किनारे है। उसके बाद खाम बुग्याल आता है। यहां पहाड़ पर घास का समतल मैदान है। जिसकी खूबसूरती लोगों को बहुत ज्यादा आकर्षित करती है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर भूस्खलन जोन नहीं है। बार बार नदी पार भी नहीं करनी पड़ती। इसलिए kedarnath new track पर चलने में ज्यादा थकान भी नहीं होती।
चौमासी तक सड़क, यहां से नजदीक भी केदारनाथ
गुप्तकाशी से कालीमठ और फिर यहां से 25 किम आगे चौमासी है। चौमासी समुद्र तल से करीब 2,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पर सड़क समाप्त हो जाती है। यह देवदार व चीड़ के घने जंगलों से घिरा बेहद सुंदर इलाका है। यहां से एक बेहद पुराना पैदल ट्रैक सीधे केदारनाथ को जाता है। चौमासी से केदारनाथ का ट्रैक गौरीकुंड के मुकाबले ना सिर्फ नजदीक है बल्कि इस पर चढ़ाई भी कम है। चौमासी से कुछ आगे चलने के बाद बुग्याल शुरू हो जाते हैं।