जोशीमठ: Joshimath protest.भू-धसाव से जूझ रहे जोशीमठ में लोगों के पुनर्वास का मुद्दा सुलझ नही पाया है। सरकार की बातों से परेशान स्थानीय लोग व इलाके के मूल निवासी अब सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। जोशीमठ के सैकड़ों मूल और पुश्तैनी लोग हाथों में हल फावड़ा लेकर पौराणिक वाद्य यंत्र ढोल, दमों के साथ सड़कों पर उतर आये। उन्होंने सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ नारेबाजी की। “Joshimath residents protest”
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रविवार को जोशीमठ के इंटर कॉलेज तिराहे से मारवाड़ी चौक तक मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के बैनर तले जुलूस निकाला गया। इस जनाक्रोश रैली में जोशीमठ के सैकड़ों लोग शामिल रहे। मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष भुवन चंद्र उनियाल ने कहा कि सरकार जोशीमठ के लिए ट्रीटमेंट की योजना लेकर आए। यहां के मूल निवासियों की कहीं और जो जमीन सुरक्षित हैं उन्हें वहां विस्थापित कर दिया जाए। इसके अलावा क्षतिग्रस्त हुई जमीनों का भुगतान शीघ्र किया जाए। “Joshimath residents protest”
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रोजी और देवताओं के छूट जाने का डर
जोशीमठ में रहने वाले लोग कहते हैं कि वे जोशीमठ छोड़ नहीं सकते। यहाँ से उनकी मात्रा रोजी-रोटी ही नहीं बल्कि आस्था भी जुड़ी हुई है। उनकी आस्था के केंद्र हैं पौराणिक नरसिंह मंदिर, अमर कल्पवृक्ष ज्योर्तिमठ और अन्य देवस्थान। जोशीमठ के मरघट, पनघट, जल, जंगल, जमीन पर उनका मूल अधिकार है। और इसे छोड़कर विस्थापन संभव नहीं है। “Joshimath residents protest”
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हिंदू धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान जोशीमठ
जोशीमठ में शंकराचार्य के चार में से एक पीठ ज्योतिर्मठ स्थित है। जोशीमठ को ‘Gateway Of Himalaya’s’ भी कहा जाता है। यहां से भारत-चीन सीमा महज 100 किलोमीटर दूर है। बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब, AULI , फूलों की घाटी आदि स्थानों पर जाने के लिए यात्रियों को इसी जोशीमठ से होकर गुजरना पड़ता है। करीब डेढ़ साल पहले जोशीमठ में अचानक जमीन धसने लगी यहां के 100 से अधिक घर, होटल और अन्य इमारतें में आ गई। इसके बाद सरकार पूरे शहर को धीरे-धीरे खाली करवा रही है।Joshimath news Latest