Delhi: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। Article 370 हटाए जाने के बाद से, आतंकवादी अपना ध्यान कश्मीर घाटी से हटाकर जम्मू क्षेत्र की ओर केंद्रित कर रहे हैं। Jammu terrorism
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन, जैसे कि जैश-ए-मोहम्मद, जम्मू में घुसपैठ कर रहे हैं और आत्मघाती हमलों की योजना बना रहे हैं। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को बाधित करना और भारत की वैश्विक छवि को धूमिल करना है।
कारण:
- अनुच्छेद 370 का निरसन: इससे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती में बदलाव हुआ है, जिससे आतंकवादियों के लिए घुसपैठ करना आसान हो गया है।
- पाकिस्तान का समर्थन: पाकिस्तान आतंकवादियों को हथियार और प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है ताकि भारत को अस्थिर किया जा सके।
- भौगोलिक स्थिति: जम्मू का भौगोलिक इलाका आतंकवादियों के लिए घुसपैठ के लिए अनुकूल है। security in Jammu and Kashmir
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सरकार के प्रयास:
- सुरक्षा बलों को सशक्त बनाना: सरकार ने सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिक अधिकार दिए हैं।
- आतंकवादी वित्तपोषण पर अंकुश: सरकार आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है।
- कूटनीतिक दबाव: भारत पाकिस्तान पर आतंकवाद समर्थन बंद करने के लिए दबाव बना रहा है।
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चुनौतियाँ:
- स्थानीय समर्थन: कुछ आतंकवादी स्थानीय लोगों का समर्थन प्राप्त कर रहे हैं।
- नई तकनीक: आतंकवादी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो रहा है।
निष्कर्ष: जम्मू में बढ़ता आतंकवाद एक गंभीर चुनौती है। इसे खत्म करने के लिए सरकार को सुरक्षा बलों को और मजबूत बनाना होगा, आतंकवादियों के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना होगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन लेना होगा।