Tuesday, December 3, 2024
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क्यों, भारतीय हाथी नेपाल में तबाही मचा रहे..?

चंपावत: Indian elephants . भारत के हाथियों ने नेपाली नागरिकों का जीन मुहाल कर दिया है। हाथी सीमापार जाकर नेपाल में खेती और रोजगार को तबाह कर रहे हैं। परेशान होकर नेपाली नागरिक रोजगार के लिए भारत की ओर पलायन कर रहे हैं। इसका असर भारत पर भी पड़ रहा है।

उत्तराखंड के चंपावत जिला नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। भारत के हिस्से से हाथियों का झुंड राजाजी नेशनल पार्क, कार्बेट पार्क क्रास करके तराई के जंगलों से चंपावत तक पहुंचता है। यहां से हाथी अपने पारंपरिक कॉरीडोर के जरिए शारदा नदी को पार करके नेपाल में प्रवेश कर जाते हैं। जहां से हाथियों का झुंड नेपाल के शुक्लाफांटा नेशनल पार्क में प्रवेश करता है। Indian elephants

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नेपाल के कई जिले प्रभावित

हाथियों के इस रास्ते में भारत का टनकपुर और ब्रह्मदेव, और नेपाल का कंचनपुर जिला स्थित है। नेपाल के कंचनपुर जिले में कृषि उत्पादन अधिक होता है। इन दिनों हाथियों का शारदा नदी पार करने का समय है। भारतीय हाथियों ने नेपाल के आबादी वाले क्षेत्रों में भयंकर आतंक मचाया है। स्थिति यह है कि हाथियों ने गेहूं और मक्के की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इसके कारण स्थानीय नेपाली नागरिक इतने परेशान हो गए हैं कि वे खेती छोड़ रहे हैं। रोजगार की तलाश में ये लोग भारत जा रहे हैं। फसलों को बचाने के लिए नेपाली रातभर मशालें जलाकर रखवाली कर रहे हैं। phyoli,com

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हाथी कॉरीडोर में आबादी बसने से हुई समस्या

भारत के साथ ही नेपाल के तराई में भी हाथियों के पारंपरिक कॉरीडोर हैं। कॉरीडोर वह रास्ते होते हैं जहां से हाथियों का झुंड सदियों से आवाजाही करते रहे हैं। पर अब इन कॉरीडोर में आबादी बस चुकी है। उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से गंगा नदी को पार कर हाथी कोटद्वार होते हुए कार्बेट पार्क में आते हैं। पर यहां भी कोटद्वार के आसपास घनी आबादी बस चुकी है। कार्बेट से आगे बढ़ते हुए रामनगर, लालकुआं व टनकपुर के हाथी कॉरीडोर में भी अब इंसानी आबादी है। यह स्थिति नेपाल की भी है। इसलिए इंसानों और हाथियों के बीच टकराव बढ़ रहा है। wildlife conflict

कंचनपुर जिले में हाथियों का आतंक बड़ी समस्या बन गया है। भारत से सीमा पार कर नेपाल आने वाले हाथियों के रास्ते अब प्रभावित हो गए हैं। हाथियों के कारण खेती करके परिवार पालने वाले लोगों की आमदनी प्रभावित हो रही है। मीडिया से ही मुझे भी नागरिकों के भारत की ओर जाने की बातें पता चलीं।
माधव प्रसाद जोशी, पूर्व उपाध्यक्ष, उद्योग वाणिज्य संघ, कंचनपुर नेपाल

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