Thursday, November 21, 2024
Google search engine
Homeमहिलाओं की बातसुबह कमाई और शाम को पढ़ाई कराने वाली उत्तराखंड की Happy Children...

सुबह कमाई और शाम को पढ़ाई कराने वाली उत्तराखंड की Happy Children Library

नैनीताल: Happy Children Library. उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों में कई अनोखी कहानियां हैं। जिनसे लोगों के जीवन बदल रहे हैं। इसी तरह की एक अनोखी का नाम है हैप्पी चिल्ड्रन लाइब्रेरी। यह अनोखी इसलिए है क्योंकि इस लाइब्रेरी से सुबह के समय महिलाएं रोजगार पा रही हैं। तो शाम के समय इलाके के आधा दर्जन से अधिक गांव के बच्चों को डिजिटल क्लास शिक्षा से जोड़ती है। उत्तराखंड के Nainital की Jaya Shah का यह छोटा प्रयास इलाके में बड़े सकारात्मक बदलाव का गवाह बन रहा है।Women empowerment in Uttarakhand.

नैनीताल: Happy Children Library. उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों में कई अनोखी कहानियां हैं। जिनसे लोगों के जीवन बदल रहे हैं। इसी तरह की एक अनोखी का नाम है हैप्पी चिल्ड्रन लाइब्रेरी। यह अनोखी इसलिए है क्योंकि इस लाइब्रेरी से सुबह के समय महिलाएं रोजगार पा रही हैं। तो शाम के समय इलाके के आधा दर्जन से अधिक गांव के बच्चों को डिजिटल क्लास शिक्षा से जोड़ती है। उत्तराखंड के Nainital की Jaya Shah का यह छोटा प्रयास इलाके में बड़े सकारात्मक बदलाव का गवाह बन रहा है।Women empowerment in Uttarakhand.

नैनीताल: Happy Children Library. उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों में कई अनोखी कहानियां हैं। जिनसे लोगों के जीवन बदल रहे हैं। इसी तरह की एक अनोखी का नाम है हैप्पी चिल्ड्रन लाइब्रेरी। यह अनोखी इसलिए है क्योंकि इस लाइब्रेरी से सुबह के समय महिलाएं रोजगार पा रही हैं। तो शाम के समय इलाके के आधा दर्जन से अधिक गांव के बच्चों को डिजिटल क्लास शिक्षा से जोड़ती है। उत्तराखंड के Nainital की Jaya Shah का यह छोटा प्रयास इलाके में बड़े सकारात्मक बदलाव का गवाह बन रहा है।Women empowerment in Uttarakhand.

आखिर क्यों…अपनी बेटियों की हत्या करवाने नेपाल जा रहे भारतीय

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक का सीम गांव। कोरोना के बाद गांव व आसपास के कई परिवारों आर्थिक संकट में आ गए। ऐसे में गांव की जया शाह ने लोगों की मदद का निर्णय लिया। इसकी शुरूआत हुई बच्चों की पढ़ाई से। उन्होंने देखा कि बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ तो रहे हैं। पर घर आने के बाद उन पर परिवार उन पर ध्यान नहीं दे पाते।Digital education in rural Uttarakhand

Happy-Children-Library in seem village near Nainital

ऐसे ख्याल में आया नया कांसेप्ट

ऐसे में हैप्पी चिल्ड्रन लाइब्रेरी का कांसेप्ट आया। जया ने शुरूआत में खुद ही बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। पर समय की जरूरत Digital Education थी। ऐसे में JAYA ने बच्चों को टैब उपलब्ध कराए। देखते ही देखते उनकी कक्षा में आने वाला हर बच्चा टैब पर पढ़ाई करता है। एक ऐसा इलाका जहां मोबाइल की अच्छी दुकान तक नहीं वहां के बच्चों को TAB पर पढ़ाई करते देख लोग हैरत में थे। देखते ही देखते उनके पास आसपास के गांव से हर क्लास के बच्चे उनके पास आने लगे।

पढ़ें…नैनीताल की महिलाएं बना रही मंदिर में चढ़ें फूलों की साड़ियां

40 महिलाओं का जीवन भी बदला

कोरोना के बाद आर्थिक संकट बढ़ रहा था। जया शाह ने स्थानीय महिलाओं को पारंपरिक परिधानों की सिलाई का प्रशिक्षण दिया। एक संस्था बनाकर 40 महिलाओं को जोड़ा। इन महिलाओं के सिले देशभर में बिक रहे हैं। व्यासी और प्रेमा ऑनलाइन कपड़ों के ऑर्डर लेती हैं और डिलिवरी करती हैं। वह पति के साथ घर का खर्च चला रही हैं और बच्चे भी अच्छे से पढ़ रहे हैं। गांव की अन्य महिलाएं भी काम कर रही हैं।

अंकिता भंडारी हत्याकांड में क्या आरोप लगा रही मां

रविवार की छुट्टी पर ताइक्वांडो और डांस

Jaya Shah रविवार की छुट्टी पर बच्चों को नृत्य भी सिखाती हैं। उनके पास करीब 40 से अधिक बच्चे भरतनाट्यम, गिद्दा, क्लासिकल डांस, फोक डांस, और भांगड़ा की ट्रेनिंग ले रहे हैं। वह लड़कियों को विशेष रूप से ताइक्वांडो की ट्रेनिंग भी करवाती हैं। इस ट्रेनिंग के लिए वह अल्मोड़ा से कुछ युवाओं को मानदेय पर बुलाती हैं, और उनकी कक्षाओं में अब तक 300 से अधिक बच्चे और महिलाएं प्रशिक्षण ले चुके हैं।

Join us WhatsApp  Facebook and X

RELATED ARTICLES

Most Popular