देहरादून: हिमाचल प्रदेश के स्पीति घाटी के Hikkim Village में स्थित स्कूलों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यह गांव 4400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे “World’s Highest Village” कहा जाता है। यहां न केवल World Highest Post Office और Highst Poling बूथ हैं, बल्कि Indias Highest High School and Primary School भी हैं।
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अब सरकार यहां के “Primary School Closure” और “High School को Shutdown” की योजना बना रही है, जिससे ग्रामीणों में गहरी चिंता छा गई है। अगर ऐसा होता है, तो यहां के 9 बच्चों को गांव से 26 किलोमीटर दूर काजा में शिक्षा के लिए जाना पड़ेगा, जो सर्दियों में लगभग असंभव है। प्रशासन का कहना है कि “Low Student Enrollment” के चलते यह कदम उठाना जरूरी है। Hikkim Village
बच्चों की पढ़ाई पर संकट
World’s Highest Village हिक्कम के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में केवल पांच बच्चे पढ़ते हैं, और हाईस्कूल में चार छात्र हैं। बावजूद इसके, इन बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुल 11 शिक्षक तैनात हैं। World’s Highest Village की उपप्रधान, छेरिंग लामो ने बताया कि, “हमारे गांव का संपर्क बाकी देश से छह महीने तक कट जाता है और इस दौरान बच्चों की पढ़ाई केवल स्कूल में ही हो सकती है। यदि ये स्कूल बंद हो गए तो बच्चों का “Right to Education” पूरी तरह से बाधित हो जाएगा।”
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सर्दियों में शिक्षक गांव नहीं छोड़ते
हिक्कम के शिक्षक भी स्कूल के संभावित बंद होने से निराश हैं। स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य, नोरबू तांडुप ने बताया कि उन्हें मार्च से काजा में स्कूल संचालित करने का आदेश मिला है। “हम आदेश का पालन करेंगे, लेकिन हमें चिंता है कि सर्दियों में पूरी घाटी बर्फ से ढक जाती है और बाहरी संपर्क टूट जाता है। इस स्थिति में अगर स्कूल काजा में चलाए जाएंगे, तो यहां के बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित होगी।”
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माता-पिता और बच्चों में गुस्सा – “Local Protest Against School Closure”
हिक्कम गांव के माता-पिता और बच्चे इस फैसले से काफी नाराज हैं। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली चेरिंग वाग्मो के पिता ने कहा, “हमारे बच्चों की पढ़ाई के लिए गांव में स्कूल खुला रहना जरूरी है। सर्दियों में बच्चे 26 किमी दूर नहीं जा सकते और सरकारी व्यवस्था भी कोई मदद नहीं दे पाएगी।” Hikkim Village