नैनीताल: Haldwani Update. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के वनभुलपुरा में सरकारी भूमि में स्थित मलिक के बगीचे में हुए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं दी। पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने सरकार के जवाब पर याचिकाकर्ता से प्रति शपथपत्र पेश करने को भी कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तिथि नियत की है। Haldwani violence
आखिर कौन है हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड?
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी सोफिया मलिक ने याचिका दायर की है। जिसमें कहा कि नगर निगम हल्द्वानी ने उन्हें 30 जनवरी 2024 को देकर मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने को कहा है। पर नोटिस के जवाब में उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। जारी किया गया नोटिस भी एक प्रशासनिक नोटिस था न कि किसी कोर्ट का। ध्वस्तीकरण करने से पहले उन्हें पीपी एक्ट में नोटिस दिया जाना था। पर इस प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया। इसलिए इस नोटिस पर रोक लगाई जाए। Haldwani Update
सलमान खुर्शीद ने की पैरवी
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी की। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने का जो नोटिस दिया है वह नियमावली के विरुद्ध है।Haldwani violence निगम ने नोटिस देने के चार दिन बाद ही अतिक्रमण धवस्त कर दिया। जबकि इस तरह के नोटिस में 15 दिन का समय दिया जाता है। नोटिस में किसी भी नियमावली का पालन नहीं किया गया है। इसलिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
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पॉलिसी के तहत हटा अतिक्रमण
राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने पैरवी की। उन्होंने कोर्ट को अवगत करवाया कि नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार के पास पॉलिसी है।Haldwani violence प्रशासन ने नियमों के तहत ही अतिक्रमण हटाया है। पूर्व में यह भूमि सरकार ने कृषि करने के लिए दस साल की लीज पर दी थी। जिसकी लीज समाप्त हो गयी और इसका रिन्युअल नहीं हुआ। Haldwani Update