देहरादून: chardham yatra मन में श्रद्धा हो तो इंसान जान जोखिम में डालकर भी भगवान के दर्शन को पहुंच जाता है। उत्तराखंड में इन दिनों चारों धामों में भूस्खलन व अतिवृष्टि के कारण् प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। सड़कों पर कदम कदम पर जान का खतरा बना हुआ है। पर चारधामों पर हिंदुओं की आस्था का आलम यह है कि अगले 30 दिनों में पांच लाख से अधिक चारधामों के दर्शन को पहुंचने वाले हैं।
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यात्रा पंजीकरण कार्यालय के अनुसार 16 सितंबर तक 5 लाख 46 हजार 196 श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवा लिया है। सबसे अधिक जुनून बाबा केदारनाथ के दर्शन करने को लेकर है। जहां के लिए 1.96 लाख श्रद्धालु एडवांस में ही अपने स्लॉट बुक करवा चुके हैं। chardham
जिस गुफा में रखा गया भगवान गणेश का कटा सिर, वहां श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगी
चारधाम यात्रा पंजीकरण प्रभारी प्रेम अनंत ने बताया जुलाई में आपदाओं के कारण चारधामों की यात्रा बाधित रही। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग बंद होने से पिछले 15 दिनों से यात्रा बंद है। पर देशभर के लोगों के मन में उत्तराखंड के चारधामों के प्रति आस्था इन आपदाओं की भी परवाह नहीं कर रही। बताया कि अगले एक महीने में यात्रा करने के लिए साढ़े पांच लाख श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण करवा चुके हैं। chardham yatra
ऑफलाइन पंजीकरण भी चल रहे हैं। श्रद्धालुओं में बाबा केदार के दर्शन करने का सबसे अधिक जुनून है। केदारनाथ धाम में अगले एक महीने में 1.95 लाख श्रद्धालु अपने एडवांस पंजीकरण करवा चुके हैं। बद्रीनाथ के लिए 1.55 लाख, गंगोत्री के लिए 98786 और यमुनोत्री के लिए 96522 यात्री एडवांस में पंजीकरण करवा चुके हैं।
केदारनाथ का पैदल मार्ग बना, 50 यात्री पहुंचे
पिछले 31 जुलाई को बादल फटने के बाद से बंद चल रहा केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग गुरुवार शाम को मरम्मत कर श्रद्धालुओं के लिए खेल दिया गया है। शुक्रवार को गुजरात व राजस्थान के 50 यात्री गौरीकुंड से पैदल चलकर केदारनाथ पहुंचे। लिंचोली, भीमबली में सड़क की मरम्मत पूरी कर ली गई है। वहीं केदारनाथ में हैली सेवाएं भी सुचारू चल रही है। सरकार की ओर से हवाई सेवाओं के किराए में छूट भी दी जा रही है। हालांकि अभी सोनप्रयाग के समीप सड़क की मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पाया है। chardham yatra