Dehradun: Death in Char Dham Yatra 2024. उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अपने चरम पर है। रोजाना 60 हजार से अधिक श्रद्धालु धामों में दर्शन को पहुंच रहे हैं। पर कमजोर दिल वाले लोग चारधाम की यात्रा करने से बचें। इस साल यात्रा पर आए 100 श्रद्धालुओं की मौत Heart attack से हो चुकी है। जबकि पिछले साल पूरे सीजन 200 यात्रियों की मौत हुई। Char Dham Yatra 2024 Heart Attack Risk
उत्तराखंड में ट्रैकिंग को आए पर्यटक, ठंड में फंसे हार्ट अटैक से नौ की मौत
दरअसल श्रद्धालु यात्रा को जल्दी खत्म करने के चक्कर में अपने शरीर को हिमालय के मौसम के अनुकूल होने का मौका नहीं दे रहे। जिस कारण शरीर में दबाव अधिक पड़ रहा है। ऐसे में हार्ट अटैक आने से श्रद्धालुओं की मौत हो रही है। पहले चारधाम यात्रा 10 से 11 दिन में पूरी होती थी। पर प्राइवेट कार लेकर चारधाम पहुंच रहे श्रद्धालु पांच दिन में ही यात्रा पूरी कर लौट जाते हैं।
केदारनाथ में सबसे अधिक मरे
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सबसे ज्यादा 49 श्रद्धालुओं की मौत केदारनाथ में हुई है। बदरीनाथ व यमुनोत्री धाम में 22-22 और गंगोत्री धाम में 7 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। मृत्यु का कारण हार्ट अटैक ही रहा। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के फिजिशियन डॉ. विवेकानंद सत्यवली के अनुसार ठंड में शरीर के तापमान मे गिरावट आती है। ब्लर्ड आर्टरीज, नसें और धमनियां सिकुड़ सकती जाती हैं। ऐसी स्थिति में खून को शरीर में फैलाने के लिए दिल को अधिक जोर लगाना पड़ता है। ऐसे में दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
19 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके
चार धाम यात्रा में अब तक 19 लाख 10,919 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। जिसमें से केदारनाथ धाम में 7,48,348 श्रद्धालु, बदरीनाथ में 4,72,065, यमुनोत्री में 3,46,545 श्रद्धालु और गंगोत्री में 3,39,892 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। 20 जून से उत्तराखंड में मानसून पहुंचने की उम्मीद है। उसके बाद ही यात्रा में कमी आने लगती है। जूअभी यात्रा में सबसे अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
ऑफलाइन पंजीकरण का चार हजार कोटा निर्धारित
चार धाम यात्रा पर जाने के लिए यात्रा पंजीकरण अनिवार्य है। ऋषिकेश में यात्रा परिचालन व्यवस्था प्रभारी प्रेमकुमार के अनुसार ऑनलाइन के साथ ही प्रशासन ने हरिद्वार, ऋषिकेश में फिजिकल पंजीकरण की भी व्यवस्थ की है। जिसमें रोजाना चार हजार श्रद्धालुओं के पंजीकरण का कोटा तय है। यात्रियों से अपील की जा रही है कि वह किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण ही करवाकर आएं। Char Dham Yatra