नैनताल: astrophysical jets क्या आप जानते हैं कि ब्रह्मांड में कुछ अद्भुत किरणें निकलती हैं, जिन्हें खगोलीय जेट कहते हैं? ये जेट ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे और पल्सर जैसे खगोलीय पिंडों से निकलते हैं। यह बहुत शक्तिशाली होते हैं। वैज्ञानिक अभी तक यह पूरी तरह से नहीं समझ पाए थे कि इन जेटों में किस प्रकार का पदार्थ होता है।
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ARIES NAINITAL वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। उन्होंने पाया है कि खगोलीय जेटों की गतिशीलता उनकी प्लाज्मा संरचना से प्रभावित होती है। प्लाज्मा आयनित कणों का गैस होता है, और इन जेटों में इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और पॉज़िट्रॉन (धनात्मक रूप से आवेशित इलेक्ट्रॉन) का मिश्रण हो सकता है। खगोलीय जेटों का अध्ययन ब्रह्मांड के सबसे रहस्यमय और शक्तिशाली घटनाओं में से एक को समझने में मदद करता है।
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अध्ययन में क्या पाया गया?
जेटों के प्रारंभिक पैरामीटर समान रहने पर भी, प्लाज्मा संरचना में परिवर्तन से जेट के प्रसार वेग में अंतर आता है। इलेक्ट्रॉन और पॉज़िट्रॉन से बने जेट, प्रोटॉन युक्त जेट की तुलना में धीमे गति से फैलते हैं। इलेक्ट्रॉन-पॉज़िट्रॉन जेट अधिक अशांत (टर्बुलेंस युक्त) संरचनाएँ दिखाते हैं, जिसके कारण उनकी गति कम हो जाती है। plasma composition
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यह खोज क्यों महत्वपूर्ण है
यह खगोलीय जेटों की गतिशीलता को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है। यह ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों के आसपास होने वाली भौतिक प्रक्रियाओं को समझने में सहायक है। यह भविष्य में खगोलीय जेटों के अध्ययन के लिए नए रास्ते खोलता है। यह खोज एरीज के वैज्ञानिकों, राज किशोर जोशी और डॉ. इंद्रनील चट्टोपाध्याय द्वारा की गई है। इसे अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका “एस्ट्रोफिजिकल जर्नल” में प्रकाशित किया गया है।