अल्मोड़ा। almora forest fire death. उत्तराखंड में जंगलों की आग में फिर भीषण रूप ले लिया है। गुरुवार दोपहर अल्मोड़ा के बिनसर में वनाग्नि की चपेट में आने से चार वनकर्मियों की मौत हो गई। जबकि, चार अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं, जबकि घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। उनकी हालत भी गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के अनुदार गुरुवार दोपहर वन विभाग को सूचना मिली थी कि बिनसर क्षेत्र के बुरुषखोटिया जंगल में आग लग गई है। सूचना पर वन विभाग के आठ कर्मियों की टीम आग बुझाने निकल गई। टीम अल्मोड़ा-बागेश्वर मार्ग से होते हुए घटना स्थल पहुंची। आग तीव्र ढलान में लगी हुई थी। कर्मचारियों ने वाहन को सड़क किनारे खड़ा किया और ढलान में रास्ता बनाते हुए आग के करीब पहुंच गए। इतने में तेज हवा के झौकों ने आग को भड़का दिया। अब आग तेजी से वनकर्मियों की ओर बढ़ने लगी। कुछ ही देर में वन कर्मी आग की से घिर गए। खड़ी चढ़ाई होने से वह ऊपर नहीं आ पाए। दहकती आग ने आठों को अपनी चपेट में ले लिया।
चार की मौत चार घायल
डीएफओ दीपक सिंह के अनुसार हादसे में फॉरेस्ट गार्ड दीवान राम (35) निवासी भेटुली आयरपानी, त्रिलोक मेहता (56) निवासी बाड़ेछीना, फायर वॉचर करन आर्या (21) निवासी भेटुली आयरपानी, पूरन मेहरा (50) निवासी कलौन धौलछीना की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि घटना में घायल हुए कृष्ण कुमार (21) निवासी आयारपानी, भगवत सिंह भोज (38) निवासी आयारपानी, कुंदन नेगी (44) निवासी खाकरी और कैलाश भट्ट (44) निवासी घनेली अल्मोड़ा को हायर सेंटर रेफर किया गया है।
हादसा दो रेंजरों समेत चार की मौत
इस साल 10 लोगों की जलकर मौत हो चुकी
उत्तराखंड में इस साल वनाग्नि की 1220 घटनाओं में 1657 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। इस साल अब तक 10 लोगों की जलकर मौत हो चुकी है और नौ लोग घायल हुए हैं। बीते कुछ सालों में यह सीजन जनहानि के हिसाब से सबसे अधिक भयावह साबित हुआ है। जंगलों में आग लगाने के मामले में 15 फिर भी वन विभाग ने इस साल दर्ज की है।