Wednesday, December 18, 2024
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हिमालय की मिट्टी में मिला पानी साफ करने वाला बैक्टीरिया

देहरादून, दीपक पुरोहित: हिमालय की बर्फीली चोटियों और हरी-भरी वादियों में छुपा खजाना केवल प्राकृतिक सुंदरता तक सीमित नहीं है। यहां की मिट्टी में मौजूद सूक्ष्मजीव अब जल शुद्धिकरण में क्रांति ला सकते हैं। GB Pant National Institute of Himalayan Environment के वैज्ञानिकों ने पांच साल की मेहनत के बाद एक अनोखे बैक्टीरिया Pseudomonas Proteolytica की खोज की है, जो पानी को खतरनाक हार्मोन Estriol से मुक्त करने में सक्षम है।

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क्या है Estriol और यह क्यों है खतरनाक?
Estriol महिलाओं के शरीर में पाया जाने वाला प्राकृतिक हार्मोन है, जो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। हालांकि, गर्भनिरोधक दवाओं और उद्योगों के कचरे से यह पानी में घुलकर खतरनाक रूप ले लेता है। यह हार्मोन कैंसर, हृदय रोग, और पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डालता है। आधुनिक तकनीकें, जैसे Carbon Filtration और Chlorination, इसे पूरी तरह हटाने में असफल रहती हैं।

स्यूडोमोनास प्रोटियोलिटिका की अद्भुत क्षमता

वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह बैक्टीरिया पानी में घुले Estriol को पूरी तरह विघटित कर देता है। जीबी पंत संस्थान की वैज्ञानिक Dr. Vasudha Agnihotri ने बताया, “भविष्य में इस बैक्टीरिया का उपयोग RO Systems और जलाशयों में Chemical-Free Water Purification के लिए किया जा सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह बैक्टीरिया न केवल जल स्रोतों को साफ करेगा, बल्कि पर्यावरण को रसायनों के प्रभाव से बचाने में भी मददगार होगा।

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Himalayan Soil में छुपा पर्यावरण का भविष्य
2017 से 2023 तक चले इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों से मिट्टी के नमूने इकट्ठे किए। इन नमूनों से स्यूडोमोनास प्रोटियोलिटिका बैक्टीरिया को अलग किया गया, जो अपने अद्वितीय गुणों के कारण जल शुद्धिकरण में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई पहल

Estriol को हटाने के लिए आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं मिल सका था। लेकिन यह बैक्टीरिया जल शुद्धिकरण तकनीकों को नई दिशा दे सकता है। इसे न केवल घरेलू जलशोधन प्रणालियों में, बल्कि Industrial Waste Management Systems में भी लागू किया जा सकता है।

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