देहरादून। उत्तराखंड में Tankpur-Bageshwar Rail Line परियोजना के तहत 169 किलोमीटर लंबी रेल लाइन निर्माण के लिए सर्वे शुरू हो गया है। यह लाइन चीन सीमा से सटे इलाकों को सेना की सप्लाई और स्थानीय लोगों के आवागमन के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सर्वे का काम SE Pvt. Ltd. द्वारा किया जा रहा है। सर्वे के बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य तेजी से शुरू होगा। टनकपुर से बागेश्वर तक यह रेल लाइन उच्च हिमालय के दुर्गम इलाकों से होकर गुजरेगी। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जैसे जिलों तक पहुंचने में यह परियोजना भारतीय सेना की मददगार साबित होगी। इस क्षेत्र में Lipulekh Pass, Lampiadhura, और अन्य दर्रों के माध्यम से चीन तक पहुंच संभव है।
पुरानी योजना पर नया काम
टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का विचार नया नहीं है। वर्ष 1882 में अंग्रेजों ने इस क्षेत्र का सर्वे किया था। अब उसी मैप पर आधुनिक रेलवे नेटवर्क की योजना बनाई जा रही है। रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि सर्वे के तहत जगह-जगह पिलर लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट तैयार होने के बाद निर्माण का काम शुरू होगा। यह रेल परियोजना न केवल सामरिक बल्कि Uttarakhand Tourism के लिए भी वरदान साबित होगी। चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा जैसे पर्यटन स्थलों तक पर्यटकों की पहुंच आसान होगी। स्थानीय लोगों को भी दिल्ली और अन्य महानगरों तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। Tankpur-Bageshwar Rail Line
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से काम
उत्तराखंड में दूसरी बड़ी परियोजना Rishikesh-Karnprayag Rail Line भी 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है। 16 सुरंगों में से 12 का निर्माण हो चुका है, और पटरियां बिछाने का काम जारी है। यह लाइन भी सामरिक और पर्यटन विकास को नई ऊंचाइयां देगी। Tankpur-Bageshwar Rail Line
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