दिल्ली: Agniveer in bank सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अस्थायी भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। जहां अग्निवीर जैसी योजनाओं के तहत कर्मचारियों को पांच से 15 हजार रुपये मासिक मानदेय पर रखा जाएगा। इस प्रक्रिया में प्रमुख सरकारी बैंक जैसे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने अप्रेंटिसशिप योजना के अंतर्गत नई भर्तियां शुरू की हैं।
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केनरा बैंक ने 3,000 भर्ती की घोषणा की
इस नई भर्ती प्रक्रिया में केनरा बैंक ने 3,000 अप्रेंटिस पदों के लिए आवेदन मांगे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के लिए 325 पद आरक्षित हैं। यूनियन बैंक ने 500 और इंडियन ओवरसीज बैंक ने 78 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं, जिनमें यूपी के लिए क्रमशः 61 और आठ पद हैं। यह पहली बार है जब सार्वजनिक बैंकों में 21 से 25 वर्ष के युवा बड़ी संख्या में ट्रेनी के रूप में भर्ती किए जा रहे हैं। Agniveer in bank
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कर्मचारियों की कमी से निपटने की योजना
पिछले कुछ वर्षों में सार्वजनिक बैंकों में कर्मचारियों की संख्या में गिरावट आई है। वित्तीय वर्ष 2014 में सरकारी बैंकों में 8.42 लाख कर्मचारी थे, जो 2024 तक घटकर 7.64 लाख रह गए हैं। इसके विपरीत निजी बैंकों में 2014 में 3.03 लाख कर्मचारी थे, जिनकी संख्या 2024 तक बढ़कर 7.96 लाख हो गई है। इस गिरावट को ध्यान में रखते हुए बैंकों ने अप्रेंटिसशिप के जरिए कर्मचारियों की कमी को पूरा करने का प्रयास शुरू किया है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक सेवाएं पहुंचाने का लक्ष्य
अप्रेंटिसशिप योजना के अंतर्गत भर्ती किए गए इन ट्रेनी कर्मचारियों को मुख्य रूप से दूरदराज के इलाकों में नियुक्त किया जाएगा। ये कर्मचारी बैंक की सेवाओं को ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे। इनके जिम्मे कस्टमर रिलेशन, लोन रिकवरी, डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन और लोन प्रोसेसिंग जैसे कार्य होंगे। हालांकि, इस योजना के अंत में इन कर्मचारियों को स्थायी नौकरी मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी। Agniveer in bank
सरकार के इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि बैंकों में कर्मचारियों की कमी को अस्थायी रूप से पूरा किया जा सकेगा, जिससे बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा।