चमोली: uttarakhand news पहाड़ों में जीवन कितना कठिन हो सकता है, इसका जीता जागता उदाहरण हैं 100 वर्षीय बच्ची देवी। जो उत्तराखंड के चमोली जिले के दूरस्थ दुमक गांव की रहने वाली हैं। कागजों में उनकी उम्र 100 साल दर्ज हो चुकी है, और इस उम्र में जब ज्यादातर लोग जीवन की कठिनाइयों से विराम ले चुके होते हैं, बच्ची देवी सड़क की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। वह रविवार से धरने पर बैठी हैं, उनकी आंखों में मोतियाबिंद की शिकायत भी है, फिर भी बूढी आंखों में गांव तक सड़क पहुंचाने का सपना जवान है। old lady protest
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दुमक गांव, जो जिला मुख्यालय गोपेश्श्वर से 18 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है, यहां पहुंचने के लिए आज भी 18 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। बच्ची देवी कहती हैं, “हमारे गांव तक सड़क नहीं है, हमें यह तकलीफ वर्षों से सहनी पड़ी है, लेकिन अब और नहीं। जब तक हमारे गांव तक सड़क नहीं पहुंचती, वह गांव वालों के साथ आंदोलन में रहेंगी।”विकास संघर्ष समिति डुमक के अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी बताते हैं कि ग्रामीण पिछले 39 दिनों से धरने पर बैठे हैं। अब जब बच्ची देवी भी उनके साथ शामिल हो गई हैं, उनकी मांग को और भी मजबूती मिल गई है। old lady protest
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बताया कि बच्ची देवी के पति का देहांत हो चुका है और उनका एक बेटा गांव में ही खेती करता है। गांव में राजमा, चौलाई, माल्टे, सेब जैसे उत्पाद होते हैं, लेकिन सड़क की कमी के कारण ये उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पाते। उनके बेटे के साथ पूरा गांव इस परेशानी को झेल रहा है। हेलंग तक सड़क स्वीकृत है और हेलंग से कलगोट तक सड़क बन चुकी है, परंतु दुमक गांव अब भी सड़कों से वंचित है। uttarakhand news
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शनिवार की शाम, ग्रामीणों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया। रविवार को बच्ची देवी के साथ रणजीत सिंह, सुंदर सिंह, महावीर सिंह, विक्रम सिंह सहित अन्य ग्रामीण क्रमिक उपवास पर बैठे। सभी की एक ही मांग है – गांव तक सड़क पहुँचे ताकि उनकी पीढ़ियाँ बेहतर जीवन जी सकें। old lady protest