देहरादून: Uttarakhand News यूरोप के एक देश में रहने वाले NRI उत्तराखंडी में बेटा पाने की सनक पागलपन में बदल गई। विदेश में होटल चलाने वाले इस आदमी ने दो शादियों और दो लिव-इन रिश्ते बनाए। इसके बावजूद, उसे बेटा नहीं हुआ। जब उसकी चौथी लिव-इन पार्टनर ने एक बेटी को जन्म दिया, तो उसने उससे भी दूरी बना ली। obsessed with son
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आरोप है कि अब वह वीडियो कॉल के जरिए कभी छत से कूदने की धमकी देता है। तो कभी आत्महत्या के लिए हाथ की नस काटने की बात करता है। इस स्थिति से परेशान होकर उसकी Live-in पार्टनर ने राज्य महिला आयोग से मदद की गुहार लगाई है। उसने आयोग से मांग की है कि उसे इस Domestic Abuse से मुक्ति दिलाई जाए, साथ ही गुजारा भत्ता और संपत्ति में अधिकार दिलाया जाए। Uttarakhand News
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उसकी पहली तलाकशुदा पत्नी और दो बेटियों के साथ अब वह महिला देहरादून के एक अच्छे इलाके में बंगले में रहती है। हालांकि, समय बीतने के साथ वह मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो रही है। शिकायतकर्ता का कहना है कि तलाक के बाद उसके पार्टनर ने दूसरी शादी की थी और वह महिला विदेश में रहती है, लेकिन उससे भी बेटी ही है। domestic abuse
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बेटे की चाहत में वह तीसरी महिला के साथ लिव-इन रिलेशन में था, लेकिन उसका कोई पता नहीं है। फिर उसने चौथी पार्टनर बनाई, लेकिन बेटी होने पर उससे भी दूरी बना ली। महिला आयोग ने शिकायत पर सुनवाई करते हुए व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए उस व्यक्ति की काउंसलिंग की। abandoned partners
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उसे समझाया गया कि उसे अपनी partner और बच्ची के कानूनी अधिकार उन्हें देने होंगे। इस सुनवाई के दौरान आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान और विधि अधिकारी दयाराम भी उपस्थित थे। महिला आयोग इस मामले को गंभीरता से देख रहा है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद लिव-इन रिश्तों को पंजीकृत करना अनिवार्य हो जाएगा। Uttarakhand News