देहरादून: Rishikesh-karnpariyag rail project. ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की लागत बढ़कर आठ हजार करोड़ रुपये हो गई है, जिससे 11 स्टेशनों में निर्माण प्रभावित है। परियोजना 2025 तक 34 सुरंगों के निर्माण और 2026 तक पहाड़ पर रेल पहुंचाने का लक्ष्य रखती है।
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RVNL के एजीएम ओपी मालगुडी के अनुसार रेलवे विकास निगम ने 2017-18 में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना की आवश्यक सुविधाएं जुटाईं। 2020 में रेल परियोजना का जमीनी काम शुरू हुआ, जिसमें वीरभद्र और योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का निर्माण कर ट्रेनों का आवागमन शुरू किया गया। आगे, निगम निजी एजेंसियों से सुरंगों की खुदाई में जुटा है। करीब 70 फीसदी सुरंगें पूरी हो चुकी हैं।
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रेलवे विकास निगम के कार्यालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का निर्माण पूरा हो चुका है। 30 प्रतिशत कार्य अगले वर्ष तक होने की उम्मीद है। 105 किलोमीटर लंबी रेल लाइन में 213 किलोमीटर सुरंगें बनानी हैं, जिसमें 12 निकासी और 6 मुख्य सुरंगें शामिल हैं। निर्माण एजेंसी का करार 5 साल का है और इसमें पीवीसी क्लोज है। इस क्लोज के तहत बजट 24 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। Uttarakhand news
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। वीरभद्र और योगनगरी ऋषिकेश के बाद शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर और कर्णप्रयाग के स्टेशनों का निर्माण जल्द शुरू होगा।
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125 ट्रैक को साढ़े सात हजार करोड़ का टेंडर
रेलवे विकास निगम ने सुरंगों के साथ रेलवे ट्रैक बिछाने का काम तेज किया है। 125 किलोमीटर रेल लाइन के लिए 7500 करोड़ रुपये का टेंडर किया गया है। सुरंगों के निर्माण के बाद ट्रैक बिछाने का काम तुरंत शुरू होगा, और अलग-अलग सुरंगों के तैयार होते ही ट्रैक भी विछता रहेगा। इससे परियोजना जल्द पूरी होगी। Himalayan rail project