नैनीताल: Rare Galaxy with Two Black Holes. भारतीय खगोलविदों ने पांच अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित दो ब्लैकहोल वाली एक दुर्लभ आकाशगंगा को खोजा है। इसमें सामान्य से दस गुना अधिक एक्स-रे उत्सर्जन देखा गया। इससे दस लाख करोड़ सूर्य के बराबर प्रकाश उत्पन्न हो रहा है। इसका नाम ओजे 287 है। यह खोज ब्रह्मांड की शुरुआत में आकाशगंगाओं के निर्माण, पारस्परिक प्रभाव और विकास में उच्च गुरुत्वा अर्षण और पदार्थ के त्वरण की भूमिका का अध्ययन करने में मदद कर सकती है। phyoli.com
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Nainital स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान ARIES के खगोल वैज्ञानिक Dr. Pankaj Kushwah के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने इस बेहद दुर्लभ खोज को अंजाम दिया। डॉ. पंकज ने बताया कि 2015 से ही ओजे 287 नामक एक ऐसे Black hole स्रोत की निगरानी कर रहे हैं, जिसकी खासियत थी कि यह स्रोत लगभग हर 12 वर्षों में बार-बार अपनी ऑप्टिकल चमक में बढ़त दिखाता है। स्रोत ने 2018 के मध्य से धीरे-धीरे अपने स्पेक्ट्रल व्यवहार को बदलते हुए 2020 में स्पेक्ट्रल की नई अवस्था को पा लिया। ऑप्टिकल चमक में बार-बार होने वाली बढ़त इसे बेहद दुर्लभ बनाती है। वैज्ञानिक का मानना है कि इसकी वजह इस आकाशगंगा में दो ब्लैकहोल होना है। Galaxy
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एक आकाशगंगा में दो ब्लैकहोल बेहद दुर्लभ
किसी Milkeyway में दो ब्लैक होल होना बेहद दुर्लभ बात है। लाखों तारों व आकाशगंगाओं के अध्ययन के बाद भी दुनिया भर के वैज्ञानिक केवल कुछ ही मामलों में दो ब्लैक होल खोज पाए हैं। इसलिए यह खोज खुद में काफी महत्वपूर्ण है। इससे अंतरिक्ष और तारों के निर्माण व विस्तार से जुड़े कई सवालों के जवाब खोजने में मदद मिलेगी। Rare Galaxy with Two Black Holes
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नासा के उपग्रहों से भी मदद ली
इस अध्ययन में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला अहमदाबाद द्वारा संचालित नियर इंफ्रारेड बैंड्स में माउंट आबू ऑब्जर्वेशन फैसिलिटी की जमीन से संचालित सुविधा और अंतरिक्ष में मौजूद नासा के उपग्रहों की भी मदद ली गई। ऑप्टिकल, अल्ट्रावॉयलेट और एक्स-रे देखने के लिये नील्स गेरेल स्विफ्ट उपग्रह और फर्मी उपग्रह का इस्तेमाल किया गया।