देहरादून: Rampur Tiraha kand उत्तराखंड आंदोलन के दौरान मुज्जफरनगर के रामपुर तिराहा कांड में महिलाओं से दुष्कर्म मामले में पहली सजा हुई है। पीएसी के दो सेवानिवृत्त जवानों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीबीआई ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रत्येक आरोपी पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़िता को देने के आदेश दिए गए हैं। रामपुर तिराहा कांड में किसी भी मामले में यह पहला फैसला है। पुलिस ने दोनों अभियुक्तोंं को जिला कारागार भेज दिया। Uttarakhand Andolan
डीजीसी राजीव शर्मा ने बताया कोर्ट ने महिला से दुष्कर्म, छेड़छाड़ और लूट के मामले में पीएसी के दो सेवानिवृत्त जवानों को दोषी माना है। जिनके नाम मिलाप सिंह निवासी गांव होरची, पोस्ट निधौलीकलां जनपद एटा और वीरेन्द्र प्रताप सिंह निवासी गौरी पोस्ट कोटिया गरोसे थाना पथरा जिला सिद्वार्थनगर हैं। दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रत्येक आरोपी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। शुक्रवार 15 मार्च को कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोष करार दिया था। Women’s harassment case
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मुज्जफरनगर में एक अक्टूबर 1994 को हुई थी घटना
एक अक्तूबर 1994 की रात में पृथक उत्तराखंड राज्य की मांग के लिए दिल्ली जा रहे उत्तराखंड के आंदोलनकारियों को पुलिस ने मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर रोक लिया था। इसके बाद आंदोलनकारियों का पुलिस से टकराव हो गया। आरोप है कि पुलिस ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई। महिलाओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के मामले भी सामने आए थे।Uttarakhand movement