दिल्ली:Electoral Bonds Data कोरोना महामारी में जिन फार्मा कंपनियों के कोरोना टीके लोगों को लगवाए गए। उन्होंने इलेक्टोरल बांड के जरिए करेाड़ों रूपए चंदा दिया। हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई ने कोरोड़ों के चुनावी बांड खरीदे। इन कंपनियों की COVID-19 टीकों को सरकार ने आम लोगों को लगाने की अनुमति दी थी। फार्मा कंपनियों ने करीब 900 करोड़ चंदा इलेक्टोरल बांड के जरिए दिया। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर यह रिपोर्ट जारी हुई है।
इलेक्टोरल बांड से 55 करोड़ चंदा दिया तब मिला चारधाम रोड का ठेका
दवा कंपनियों पर हुई थी छापेमारी
डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरी एक प्रमुख स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल कंपनी है जो जेनेरिक, ब्रांडेड जेनेरिक और बायोलॉजिक्स की विशाल विविधता को बाजार में प्रस्तुत करती है। नवंबर 2023 में, आईटी अधिकारियों ने डॉ. के नागेंद्र रेड्डी, डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के एक अध्यक्ष पर चोरी के आरोप में छापेमारी की। नवंबर 2022 में, एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में अरबिंदो फार्मा के निदेशक सरथ रेड्डी को गिरफ्तार किया। मैनकाइंड फार्मा ने कुल 24.6 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। इस पर भी छापेमारी हुई थी। हेटेरो फार्मा, डिविज लैबोरेटरी भी छापेमारी का सामना करना पड़ा था।
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