देहरादून: Jageswar Temple प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के जिस शिव मंदिर में जीत का आर्शिवाद मांगा था। अब वहां एक हजार देवदार के पेड़ों की बलि की तैयारी है। जिसका इलाके में चारों ओर विरोध शुरू हो गया है। दावा है कि इतने पेड़ों की बलि देने से ज्यादा श्रद्धालु मंदिर तक पहुंच पाएंगे।
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अल्मोड़ा जिले में भगवान शिव को समर्पित जागेश्वर मंदिर समूह स्थत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर 2023 में जागेश्वर धाम आए थे। यहां उन्होंने पूजा की थी। जागेश्वर ज्योतिरलिंग के साथ ही पूरे मंदिर के दर्शन किए। अब राज्य सरकार ने मंदिर के विकास के लिए मास्टर प्लान बनाया है। जिसके तहत यहां कई निर्माण कार्यों के साथ पार्किंग व मंदिर तक आने वाली तीन किमी सड़क को डबल लेन करने की योजना है। जिसके लिए देवदार के एक हजार पेड़ काटने की योजना है। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इस मास्टर प्लान का विरोध शुरू कर दिया है। कहा कि यहां स्थित देवदार के पेड़ों को शिव-पार्वती, गणेश, पांडव वृक्ष के रूप में पूजा जाता है। ऐसे में इनका कटान नहीं होने दिया जाएगा।
देवदार के जंगल के बीच स्थित है। इसे दारूक वन के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यही दारुक वन भगवान शिव का निवास स्थान है। यदि जंगल काटा गया तो यहां की पौराणिक महत्ता के साथ ही आस्था पर भी चोट होगी।जागेश्वर मंदिर समिति के उपाध्यक्ष पं. नवीन भट्ट
पेड़ काटने पर हर ओर से उठे विरोध के स्वर
जागेश्वर में एक हजार पेड़ काटने की योजना का चारों ओर विरोध शुरू हो गया है। मंदिर के स्थानीय पुजारियों से लेकर सोशल मीड़िया तक पर बहस छिड़ गई है। जिसे लेकर पर्यावरणविद तक चिंता जाहिर कर चुके हैं। लोगों की मांग है कि बिना पेड़ों को काटे ही इस विकास योजन को आगे बढ़ाया जा सके। इसलिए योजना बदली जानी चाहिए। शंकर, विनोद, पवन भट्ट, जगदीश प्रसाद, योगेश भट्ट सहित अन्य स्थानीय लोगों ने कहा कि एक तरफ जंगल बचाओ अभियान चल रहा है।
One-thousand-cedar-trees-will-cut-Jageshwar-temple