नैनीताल: Daily Workers Regular. सरकारी विभागों में दस साल काम कर चुके दैनिक वेतनकर्मी नियमित होंगे। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को दैनिक वेतन, तदर्थ व संविदा कर्मियों को नियमित करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कर्मचारी नियमितिकरण के लिए 2013 में बनाई गई नियमावली पर लगी रोक को हटाते हुए सभी चुनौती याचिकाओं को भी निस्तारित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने नैनीताल के सौड़ बगड़ निवासी नरेंद्र सिंह बिष्ट, हल्द्वानी के हिमांशु जोशी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश गुरुवार को दिए। Daily wage workers will be regular in Uttarakhand
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राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार 2011 में कर्मचारी नियमितीकरण नियमावली बनाई। 10 वर्ष या उससे अधिक समय से दैनिक वेतन, तदर्थ, संविदा में कार्यरत कर्मियों को नियमित करने का फैसला लिया गया। राज्य गठन के बाद बने नए विभागों में इस नियमावली का पालन नहीं किया जा सका, जिस पर सरकार ने 2013 में एक नई नियमावली जारी की। इसमें कहा गया कि दिसंबर 2008 में 5 साल से अधिक की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। याचिकाकर्ताओं ने 10 साल की मांग की थी, जिसे सरकार ने मान्यता दी। Daily Workers Regular.
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याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि उत्तराखंड में बिना पारदर्शी चयन प्रक्रिया के कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है। दैनिक वेतन कर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया बंद है और उनके हित प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए याचिकाकर्ताओं ने 2013 की नियमितिकरण नियमावली पर लगी रोक को हटाने की अपील की थी। Daily Workers Regular.