देहरादून: एक समय था जब उत्तराखंड में फौजी लड़कों को शादी के लिए लड़कियां तुरंत ही मिल जाया करती थी। पर Agniveer Scheme लागू होने का बाद यह पैटर्न पूरी तरह बदल गया है। दरअसल Agniveers को उत्तराखंड में शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल रही। लड़की के माता पिता को चार साल की अग्निवीर योजना पर भरोसा नहीं। ऐसे में वह अपनी बेटी के भविष्य को लेकर असमंजस में है। जिस कारण अग्निवीरों में भर्ती हुए युवाओं की शादी में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं।Agniveers are not getting girls for marriage
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उत्तराखंड के लोगों का सेना से नाता पुराना रहा है। मौजूदा समय में उत्तराखंड में करीब डेढ लाख पूर्व सैनिक हैं। 42 हजार से अधिक वीर नारियां यानी सैनिकों की विधवाएं। अंग्रेजों के जमाने से गढ़वाल व कुमाऊं रेजीमेंट भारतीय सेना की अहम हिस्सा रही हैं। ऐसे में उत्तराखंड की सैनिक परापंरा को हमेशा ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा। अगर कोई युवा सेना में भर्ती हो जाता तो इलाके में उसके परिवार की इज्जत बढ़ जाती। ऐसे में शादी के लिए लड़की मिलना कोई मुशकिल काम नहीं था। Agniveers are not getting girls for marriage
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बेटी के भविष्य की चिंता
पर भारत सरकार की अग्निवीर योजना Agniveer Scheme ने यह दृष्य बदल दिया है। बागेश्वर के सुरेंद्र बिष्ट 2022 में भारतीय सेना में Agniveers marriageअग्निवीर के रूप में भर्ती हुए। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी तैनाती सेना में हो चुकी है। परिवार 21 साल के सुरेंद्र की शादी की योजना बना रहा है। पर परिवार को शादी योग्य किसी लड़की का रिस्ता ही नहीं मिल रहा। दरअसल लड़की और उसके परिवार वाले अग्निवीर में भर्ती युवाओं की नौकरी को लेकर संदेह में हैं। उन्हें लगता है कि जब लड़का वापस घर आ जाएगा तो फिर क्या करेगा। Agniveers marriage यह कहानी सुरेंद्र की तरह कई अन्य अग्निवीर युवकों की भी है।
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प्राइवेट जॉब वालों के सामने ज्यादा बड़ी मुश्किल
अल्मोड़ा almora का पंकज रुद्रपुर सिडकुल में नौकरी करता है। उसकी शादी की बात चली। दोनों ने फोटो देखने के बाद एक-दूसरे को पसंद भी कर लिया। पर हल्द्वानी में जमीन या घर न होने के चलते लड़की वालों ने शादी से इनकार कर दिया। देहरादून में प्राइवेट जॉब करने संदीप ने बताया कि उनकी शादी के लिए कई जगह बात चली लेकिन ज्यादातर लड़कियों को सरकारी नौकरी वाला दूल्हा चाहिए। इस एक वजह से उनकी शादी नहीं हो पा रही है.Agniveers marriage
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पंडित जी भी परेशान
चमोली जिले के निवासी पंडित श्रीकृष्ण डिमरी के अनुसार अगर लड़की पढ़ी लिखी हो तो उसकी प्राथमिकता सरकारी नौकरी वाले लड़के हैं। अगर लड़की नौकरी कर रही है तो वह अपने से बेहतर युवक से शादी करना चाहती है। इसके अलावा माता पिता की मर्जी के पिता अब युवा अपनी पसंद से विवाह करना चाहते हैं। शादी के लिए सबसे अधिक फौजी लड़कों की पूछ होती थी। पर Agniveers में भर्ती हो रहे युवाओं के लिए marriage प्रस्ताव कम आ रहे हैं। Uttarakhand Marriages and Agniveer Scheme