हल्द्वानी: Haldwani Violence: आठ फरवरी को उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा को कवर कर रहे पत्रकारों को भी भीड़ ने निशाना बनाया। हादसे में दो फोटो पत्रकार गंभीर रूप से घायल हुए हैं। करीब 15 से से अधिक पत्रकारों के शरीर में पत्थर लगने से वह चोटिल हुए। इसके अलावा दंगाईयों ने 20 पत्रकारों के दुपहिया वाहन भी चिन्हित करके जला दिए। सभी घायल मेन स्ट्रीम अखबार व चैनलों के पत्रकार व फोटोग्राफर हैं। कोई भी लोकल पोर्ट्ल या यूटयूबर चैनल वाले इस घटना को कवर करने नहीं पहुंचे।
क्या सच में अब्दुल मलिक ही है हल्द्वानी हिंसा का मास्टरमाइंड
हल्द्वानी में हुए दंगे में सबसे अधिक चोट अमृत विचार अखबार के फोटोग्राफर संजय कनेरा और दैनिक जागरण के फोटोग्राफर बबली बिष्ट को आई। इसके अलावा हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, अमृत विचार, टीवी18, न्यूज 24, न्यूज नेशन, टीवी 24 के स्थानीय पत्रकार भी पत्थरबाजी में घायल हुए हैं। किसी के सिर तो किसी के पैर या पेट पर कई पत्थर लगे हैं। इसके अलावा 20 पत्रकारों के दुपहिया वाहन भी हुडदंगियों ने जला दिए। पत्रकारों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि उन्हें जानबूझ कर निशाना बनाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों को मदद का आश्वासन दिया है। पर फिल्हाल कोई राहत नहीं मिली है। Haldwani Violence.
जानें, चीन में हुई किस नई खोज से भारत की चिंताएं बढ़ी
संजय का हैलमेट निकाला, फिर पत्थर से सिर कुचला
संजय कनेरा की गिनती हल्द्वानी के सबसे अनुभवी व सीनियर फोटो पत्रकार के तौर पर होती है। संजय भी उस दिन अपने अखबार के लिए इस घटना को कवर करने पहुंचे थे। संजय ने बताया कि शाम के समय जब पत्थराव बढ़ा तो उन्हें भी कुछ पत्थर लगे। वह बचने के लिए एक गली में भागे। जहां पांच दंगाईयों ने उन्हें घेरा लिया और उन्हें लात घूसों से मारने लगे। इसी बीच दो युवक उनके सिर से उनका हेलमेट उतारने लगे। हेलमेट हटाने के बाद उन्होंने उनकी टोपी भी छीनी। इसके बाद दो दंगाइयों ने उनके सिर पर पत्थर और धारदार हथियार से हमला किया।
उनके सिर लहुलुहान होता देख दंगाईयों ने उन्हें छोड़ दिया। वह इसी हालत में किसी तरह रेंगते हुए, करीब 50 मीटर आगे पहुंचे। जहां दूसरी भीड़ ने उन्हें पकड़ लिया। यहां भी लड़कों ने उन्हें मारा, कैमरा और मोबाइल छीन लिया। आगे खड़ी उनकी बाईक की टंकी खोलकर दंगाईयों ने उससे पेट्रोल निकाला और बाईक को आग लगा दी। बुरी तरह से घायल संजय किसी तरह हिम्मत समेटकर अपनी जात बचाते हुए पुलिस बैरीकेट तक पहुंचे। वहां से पहले उन्हें हल्द्वानी बेस और फिर निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां वह आईसीयू में भर्ती हैं। उनके सिर पर 11 टांगे आए हैं, नाक और हाथ की हड्डी टूटी हुई है। इसके अलावा पूरे शरीर में चोट के निशान हैं। पर अब संजय खतरे से बाहर हैं।