नैनीताल: हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ में 1991 में बने नैनीसैनी एयरपोर्ट से अभी तक व्यवसायिक हवाई सेवाएं संचालित न किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सचिव ऐविएशन भारत सरकार सहित डीजीसीए चीफ से चार सप्ताह में जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा है कि वहां से उड़ान कैसे संचालित की जाएगी। भविष्य में हवाई सेवाएं संचालित करने के लिए उनके पास क्या प्लान है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने फरवरी माह की तिथि नियत की है।
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मामले के अनुसार पिथौरागढ़ निवासी राजेश पांडे ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नैनीसैनी हवाई पट्टी 1991 में अधिकृत उपयोग के लिए बनाई गई थी। डोर्नियर 228 सॉर्ट फ़्लाइंग मशीन के संचालन के लिए तैयार हो गई थी। पर अभी तक यहां से कामर्सियल फ्लाइट का संचालन नहीं हो पाया है। सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही बरसातों में सड़क क्षतिग्रस्त होने पर एकमात्र साधन हवाई सेवा के माध्यम से ही क्षेत्र को जोड़ा जा सकता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि केवल कागजों में ही नैनीसैनी हवाई अड्डे से उड़ाने संचालित हो रही जबकि धरातल पर स्थिति इसके उलट है। कई बार हवाई सेवाएं संचालित हुई। परन्तु कुछ समय के बाद बंद हो गयी।
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